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Financial Action Task Force FATF क्या है?

Financial Action Task Force FATF क्या है?

FATF क्या है?

FATF का मतलब Financial Action Task Force होता है इसे हिंदी में “वित्तीय कार्रवाई कार्यदल” कहा जाता हैl इस संस्थान की स्थापना 1989 में काले धन को वैध बनाने जैसे मनी लान्डरिंग को रोकने से सम्बन्धित नीतियाँ बनाने के लिए किया गया था इसके सदस्य देशों की संख्या 37 है इसमें भारत, पाकिस्तान, फ्रांस जैसे देश भी शामिल है। इसका मुख्यालय फ्रांस के पेरिस सहर में हैl आगे चल कर सन 2001 में इसका विस्तार करते हुए आतंकवाद को धन प्राप्त होने से रोकने वाली नीतियों को भी इसमे शामिल किया गया हैl इस निति में नजर रखा जाता है की कौन-कौन सी देशों में आतंकवादी को पैसा फंडिंग हो रही उस के अधर पर उस देश पर करवाई की जाती हैl



FATF ब्लैकलिस्ट में उन देशों को शामिल करती है जो आतंकवाद को धन मुहैया कराने से रोकने में सहयोग नही करते हैं। ब्लैकलिस्ट में नाम आने से उस देश को किसी भी प्रकार का अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग मिलना बंद हो जाता है, इससे उस देश की अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ता है। दूसरे देश इस प्रकार के देश में निवेश करना भी बंद कर देते हैं। किसी भी देश के ऊपर संदेह होने पर उसे पहले ग्रे लिस्ट में में रखा जाता है फिर उसे चेतावनी भी दी जाती है और समय सीमा भी दिया जाता है समय के रहते हुए इस फंडिंग को रोकें और उसके उपर करवाई करें अन्यथा उसे ब्लैकलिस्ट में डाला जाता है। समय के रहते हुए करवाई नहीं करता तो उस देश को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाता हैl
ब्लैक लिस्ट में शामिल होने के बाद अंतरराष्ट्रीय बैंक पैसा देना बंद कर देती हैl

इस समय उत्तर कोरिया और ईरान ब्लैक लिस्ट में शामिल हैं। और पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में स्थान मिला हुआ हैl 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में शामिल किया गया थाl इस साल भी बरक़रार रखते हुए धमकियाँ भी दिया गया FATF के तरफ से कहा कि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा जैसे आतंकी संगठनों की फंडिंग रोकने में नाकाम रहा है। अगर अक्तूबर, 2019 तक पाकिस्तान उसकी 27 मांगों पर काम नहीं करता है तो उसे ‘ग्रे’ से ‘ब्लैक’ लिस्ट में डाल दिया जाएगा।



दोस्तों बहुराष्ट्रीय कंपनिया भी इसको लेकर सजग रहती है। इन्होंने रेड और एम्बर लिस्ट बना रखी है। रेड लिस्ट वाले देशों का किसी भी प्रकार का मॉनेटरी ट्रांजेक्शन नही विचार किया जाता जबकि एम्बर लिस्ट वाले देशों का स्क्रीनिंग किया जाता है पहले, उसके बाद ही ट्रांजेक्शन को प्रोसेस किया जाता है। Financial Action Task Force

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