Skip to content

डिजिटल पेमेंट क्या है

डिजिटल पेमेंट क्या है या डिजिटल पेमेंट से क्या समझते है ?

डिजिटल पेमेंट (भुगतान) एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें एक व्यक्ति द्वारा  दूसरे व्यक्ति  को मोबाइल या कंप्यूटर द्वारा एक एप्लीकेशन या वेबसाइट डिजिटल या ऑनलाइन मोड के माध्यम से बैंकिंग से लेकर भुगतान तक की सुविधा को डिजिटल पेमेंट कहा जाता है l इसे ई-भुगतान भी कहा जाता है l इस प्रक्रिया में हार्ड कैशलेस का कोई भी आदान-प्रदान नहीं किया जाता है l डिजिटल पेमेंट के दौरान आपको कैश ढोने, बैंक या एटीएम की लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ती है l इसमें एक पेमेंट (भुगतान) को एक खाते से दूसरे खाते में मूल्य (मनी) का ट्रांसफर (हस्तानांतरण) होता है, जहाँ भुगतानकर्ता और प्राप्तकर्ता दोनों मोबाइल फ़ोन, कंप्यूटर या क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और प्रीपेड कार्ड का उपयोग करते है l

पहले के  जमाने में बड़े-बुजुर्ग कही भी कोई सामान खरीदने जाते थे तो अपने पैसे या रूपये को अपने बटुवा या पर्स में रखते थे, लेकिन आज के जमाने हर व्यक्ति के मोबाइल ही उसका बटुवा है l हालांकि आज के समय में सिर्फ एक क्लिक से ही लेन-देन की सारी प्रक्रिया पूरी हो जाती है l किसी को कोई पैसे देकर सामान खरीदना हो या फिर बेचकर पैसे लेना हो तो उसके लिए सिर्फ एक मोबाइल ही काफी है, क्योंकि आज के युग में पेमेंट का लेन-देन ऑनलाइन ही होने लगा है l

डिजिटल पेमेंट कैसे काम करता है ?

इस भुगतान के एन्ड-टू-एन्ड प्रक्रिया में भुगतानकर्ता (उपभोक्ता), प्राप्तकर्ता (व्यापारी), बैंक और पेमेंट नेटवर्क शामिल है l डिजिटल भुगतान को पूरा करने के लिए भुगतानकर्ता और प्राप्तकर्ता दोनों के पास अपना एक खाता (बैंक अकाउंट) रहना  चाहिए l इसके अलावा भुगतानकर्ता और प्राप्तकर्ता दोनों को उपकरण (मोबाइल या कंप्यूटर) में Paytm, Phone Pe, Google Pay, BHIM आदि में से कोई एक UPI App डाउनलोड करना होगा l इसके बाद अपने बैंक अकाउंट को UPI App से लिंक कर आप डिजिटल पेमेंट का कर सकते है l आप चाहे तो एक बैंक खाता संख्या को कई UPI App से लिंक कर सकते है और तो और एक UPI App के जरिए अनेकों बैंक अकाउंट लिंक कर उसका उयपोग कर सकते है l

आप चाहे तो प्राप्तकर्ता के आधार नंबर से पैसे भेज सकते है l इस विकल्प में लाभार्थी के भीम में पता स्पष्ट रूप से दिखाई देता है l इस प्रक्रिया में आप लाभार्थी के आधार नंबर दर्ज कर, उसे सत्यापित करने के उपरांत आप पेमेंट कर सकते है l

मान के चलिए आप किसी स्थानीय किराना दुकान, शॉपिंग मॉल, रिटेल आउटलेट या किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट से कोई 1000 सामान खरीदते है और आप PoS (पॉइंट ऑफ़ सेल) मशीन पर अपने डेबिट कार्ड स्वाइप या UPI के माध्यम से क्यूआर कोड स्कैन करके पेमेंट करने का विक्लप चुनते है l

चूँकि आप PoS पर डेबिट कार्ड द्वारा स्वाइप का विकल्प चुनते है तो पहले PoS प्रदाता आपके बैंक अकाउंट में पर्याप्त शेष  राशि की जाँच करता है l  यह तभी संभव होता है जब आप अपना चार अंक का ट्रांजेक्शन पिन डालते है l अगर इस प्रक्रिया में आपके बैंक खाता में पर्याप्त शेष राशि है, तो डिजिटल पेमेंट आपके पैसे को आपके खाता से डेबिट कर दुकानदार के खाते में क्रेडिट कर देता है l

डिजिटल भुगतान के प्रकार (डिजिटल भुगतान के तरीके)

कैशलेस इंडिया जो कि भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है, इसमें दस प्रकार की भुगतान विधियां शामिल हैं। आइए उस विधि को समझते है l

1. Unstructured Supplementary Service Data (USSD) (असंरचित पूरक सेवा डाटा)

डिजिटल भुगतान के व्यापक समावेश और पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए यूएसएसडी पेश किया गया है। इस सेवा में उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट कनेक्शन की जरूरतक नहीं होती है l इस सेवा में मोबाइल के माध्यम से और किसी भी फीचर फोन पर *99# डायल करके लेनदेन करने की अनुमति देती है।

 

*99# डायल करने के बाद मोबाइल पर प्रदर्शित इंटरेक्टिव मेनू इंटरबैंक अकाउंट टू अकाउंट फंड ट्रांसफर, बैलेंस पूछताछ, मिनी स्टेटमेंट आदि प्रदान करता है। इस सेवा का लाभ लेने के लिए उपयोगकर्ता को अपने मोबाइल नंबर को बैंक खाते से लिंक करना आवश्यक है। यह Direct-to-Consumer सेवा दो विविध क्षेत्रों को बैंकों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को एक साथ लाती है, जिसका उद्देश्य सभी के लिए डिजिटल लेनदेन उपलब्ध कराना है।

2. Banking Cards (बैंकिंग कार्ड)

बैंकिंग कार्ड उपभोक्ताओं को किसी भी अन्य भुगतान विधि की तुलना में अधिक सुरक्षा, सुविधा और नियंत्रण प्रदान करते हैं, जिसमें क्रेडिट, डेबिट और प्रीपेड शामिल हैं। बैंकिंग कार्ड डिजिटल भुगतान के लिए ग्राहकों द्वारा बड़े पैमाने पर उपयोग किए जाने वाले क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और प्रीपेड कार्ड हैं। सुरक्षित लेनदेन को ध्यान में रखते हुए डिजिटल भुगतान के बैंकिंग कार्डों में एक पिन (जो चार या छह अंकों का होता है) और वन-टाइम पासवर्ड (OTP-जो चार से आठ अंकों तक का है) के माध्यम से सुरक्षा प्रणाली से जुड़ी होती है। RuPay, Visa और Master Card कुछ कार्ड भुगतान नेटवर्क हैं जो बैंकिंग कार्ड की सुविधा प्रदान करते हैं। बैंकिंग कार्ड के माध्यम से लेन-देन करने के लिए पीओएस टर्मिनल या पेमेंट गेटवे की आवश्यकता होती है। वे ग्राहकों और व्यापारियों दोनों का समय और पैसा बचाते हैं, और इस प्रकार उन्हें लेनदेन में आसानी के लिए सक्षम करते हैं।

बैंकिंग कार्ड से लेन-देन के अलावा, ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपयोग किया जाता है l कार्ड का उपयोग एटीएम में नकद निकासी के लिए भी किया जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय कार्ड उपयोगकर्ताओं को कई मुद्राओं के साथ दुनिया भर में लेनदेन करने की अनुमति देते हैं। ग्राहकों के पास आमतौर पर कार्डों पर लेन-देन की सीमा होती है, जो बैंकों द्वारा निर्धारित क्रेडिट रेटिंग पर आधारित होती है।

इसे कैसे प्राप्त करें:
  • नया खाता खोलने के लिए ग्राहक को अपना केवाईसी (Know Your Customer) जानकारी देना होता है l
  • उसके बाद डेबिट या क्रेडिट कार्ड लेने के लिए आवेदन करें
  • पिन प्राप्त करें
सेवा सक्रिय कैसे करे:
  • पिन सक्रिय करने के लिए एटीएम पर जाएं
  • लगभग 3-7 दिन लग सकते हैं
लेन-देन के लिए क्या आवश्यक है:
  • पीओएस टर्मिनल या ऑनलाइन भुगतान गेटवे
  • ऑनलाइन लेनदेन के लिए भौतिक रूप से कार्ड या कार्ड विवरण प्रस्तुत करें
  • पिन प्रदान करें
  • मर्चेंट वेबसाइट के लिए ऑनलाइन लेनदेन पूरा करने के लिए पंजीकृत मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) प्रदान करें।
  • स्वयं सेवा और सहायता प्राप्त मोड

3. Unified Payments Interface (UPI) (एकीकृत भुगतान इंटरफेस)

भारत में सबसे बड़े स्तर पर उपयोग की जाने वाली डिजिटल भुगतान विधियों में से एक है-यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), जो एक मोबाइल एप्लिकेशन पर कई बैंक खातों और उनकी विशेषताओं को एक साथ लाता है। उपयोगकर्ता इस ऐप के माध्यम से अपने कई बैंक खातों को लिंक कर सकते हैं और अपने मनपसंद खाते का उपयोग करके लेनदेन कर सकते हैं।

NEFT, RTGS या IMPS जैसे अन्य लोकप्रिय विकल्पों की तुलना में UPI ने बैंक हस्तांतरण को काफी सरल और आसान बना दिया है।

UPI हर बार बैंक विवरण को याद करने और दर्ज करने की आवश्यकता को समाप्त करने के लिए धन को स्थानांतरित करने और प्राप्त करने के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में एक वर्चुअल आईडी का उपयोग करता है।

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने अप्रैल 2022 में अब तक का सबसे अधिक लेन-देन देखा, जो 5.58 बिलियन था, जो कि 9.83 ट्रिलियन रुपये था।

4. Aadhaar Enabled Payment System (AEPS)(आधार सक्षम भुगतान प्रणाली)

यह एक ऐसी विधि है जो दो खातों के बीच धन के डिजिटल हस्तांतरण की अनुमति देती है जो संबंधित (दिए गए आधार संख्या) आधार संख्या से जुड़े हुए हैं। यह एक बैंक के नेतृत्व वाला मॉडल (Bank-led Model) है और डिजिटल भुगतान की सुविधा के लिए आधार की विशाल पहुंच का उपयोग करता है।

इस प्रक्रिया में उपयोगकर्ताओं को अपने रूपये स्थानान्तरण के लिए बैंक जाने की आवश्यकता नहीं है और एक व्यापार संवाददाता (बैंक मित्र) आमतौर पर आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से माइक्रो एटीएम के जरिए लेनदेन में सहायता करता है।

इस  सेवा में मिलने वाली सुविधाओं में बैलेंस पूछताछ, नकद निकासी और नकद जमा शामिल हैं। लेन-देन की सीमा अलग-अलग होती है और बैंकों द्वारा परिभाषित की जाती है।

5. Prepaid Card (प्रीपेड कार्ड)

एक बैंक प्रीपेड कार्ड एक डेबिट कार्ड है जो आमतौर पर एक ही उपयोग के लिए एक निर्दिष्ट राशि के साथ प्री-लोडेड (पहले से जमा) होता है और यह बैंक चेकिंग खाते से जुड़ा नहीं होता है। क्रेडिट कार्ड के विपरीत, उपयोगकर्ता केवल उतना की रुपया खर्च कर सकता है जो कार्ड में पहले से रुपया डाला गया है। जब प्रीपेड कार्ड में शेष राशि का उपयोग हो जाता है, तो कार्ड को ऑनलाइन या एटीएम में पुनः लोड किया जा सकता है। प्रीपेड कार्ड का सामान्य उपयोग उपहार देने, कॉर्पोरेट पुरस्कार आदि के लिए होता है।  एक उपयोगकर्ता केवाईसी-अनुपालन खाते (KYC-compliant account) के साथ बैंक की वेबसाइट के माध्यम से प्रीपेड कार्ड बना सकता है।

6. Mobile Wallets (मोबाइल वॉलेट)

जिस तरह पहले जमाने में पर्स या बटुवा में कैश रखा जाता था, उसी तरह मोबाइल वॉलेट में रुपया डिजिटल (ई-मनी) के रूप में रखा जाता हैl मोबाइल वॉलेट भौतिक वॉलेट के समान ही होते हैं l उपयोगकर्ता वॉलेट से पैसे जोड़ने और उपयोग करने के लिए अपने बैंक खातों को मोबाइल वॉलेट से लिंक कर सकते हैं।

मोबाइल वॉलेट बैंकों के साथ-साथ निजी कंपनियों द्वारा भी पेश किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, पेटीएम वॉलेट या फ़ोन पे वॉलेट आदि का उपयोग पूरे भारत में ग्राहकों द्वारा डिजिटल भुगतान के लिए व्यापक रूप से किया जाता है। वॉलेट अक्सर उपयोगकर्ता को लेनदेन पर कैशबैक और ऑफ़र के साथ प्रोत्साहित करते हैं।

7. PoS (Point of Sale) (प्वाइंट ऑफ सेल)

PoS (प्वाइंट ऑफ सेल) मुख्य रूप से वह स्थान है जहां बिक्री की जाती है। इसका अर्थ है एक निर्दिष्ट क्षेत्र या चेकआउट काउंटर जहां बिलिंग की जाती हैl जैसे-खाद दुकान, पेट्रोल पम्प इत्यादि l हालाँकि, तकनीकी प्रगति ने PoS मशीन पेश की है जिसका उपयोग डेबिट या क्रेडिट कार्ड की मदद से भुगतान करने के लिए कहीं भी किया जा सकता है। PoS मशीनें अपने कॉन्टैक्टलेस रीडर के माध्यम से बिना पिन के पैसे (INR 2000 तक) भी डेबिट कर सकती हैं। PoS विशेष रूप से लंबी चेकआउट कतारों वाले स्थानों पर लेन-देन के समय को गति देता है l मोबाइल वॉलेट भी उपयोगकर्ताओं को बारकोड को स्कैन करने और तुरंत भुगतान शुरू करने की अनुमति देता है।

8. Internet Banking (इंटरनेट बैंकिंग)

इंटरनेट बैंकिंग डिजिटल भुगतान के सबसे पुराने तरीकों में से एक रहा है और इसमें बैंक की वेबसाइट के माध्यम से लेनदेन करना शामिल है। उपयोगकर्ता अपने ग्राहक आईडी के माध्यम से लॉग इन कर सकते हैं और अपने सभी बैंक विवरणों को ऑनलाइन एक्सेस कर सकते हैं।

NEFT, RTGS और IMPS इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से पैसे भेजने और प्राप्त करने के सबसे प्रसिद्ध तरीके हैं। इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से फंड ट्रांसफर करने के लिए अकाउंट नंबर, IFSC कोड और रिसीवर के अन्य विवरण की आवश्यकता होती है। इंटरनेट बैंकिंग भी ऑनलाइन भुगतान का एक सामान्य तरीका है और इसे पेमेंट गेटवे की मदद से सक्षम किया जाता है।

9. Micro ATM (माइक्रो एटीएम)

माइक्रो एटीएम का मतलब एक ऐसा उपकरण है, जिसका इस्तेमाल लाखों बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) बुनियादी बैंकिंग सेवाएं देने के लिए करते हैं। यह प्लेटफॉर्म बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (जो स्थानीय किराना दुकान का मालिक होता है और ‘माइक्रो एटीएम’ का इस्तेमाल करता है) को तत्काल लेनदेन करने में सक्षम बनाता है। माइक्रो एटीएम बैंकों से जुड़ा होता है और उन जगहों पर ऑनलाइन लेनदेन में मदद करता है जहां बैंक और एटीएम उपलब्ध नहीं होते हैं। यह आमतौर पर व्यापार संवाददाताओं द्वारा नियंत्रित किया जाता है जिन्हें बैंकों द्वारा बुनियादी लेनदेन करने के लिए सौंपा जाता है।

यह उपकरण मोबाइल फोन कनेक्शन पर आधारित होता है और प्रत्येक बीसी पर उपलब्ध कराया जाता है। ग्राहकों को बस अपनी पहचान प्रमाणित करानी होती है और अपने बैंक खातों में पैसे निकालने या डालने होते है। माइक्रो एटीएम का उपयोग बैंक खातों के माध्यम से वित्तीय गतिविधियों के लिए किया जा सकता है जो आवश्यक रूप से आधार संख्या से जुड़ा होना चाहिए। इस सेवाओं में निकासी, जमा, पूछताछ और धन का हस्तांतरण शामिल है।

10. Mobile Banking (मोबाइल बैंकिंग)

मोबाइल बैंकिंग इंटरनेट बैंकिंग का एक विस्तार है, जहां उपयोगकर्ता अपने मोबाइल फोन पर इसे डाउनलोड करके बैंक एप्लिकेशन के माध्यम से लेनदेन कर सकते हैं। प्रत्येक बैंक एंड्रॉइड, विंडोज और आईओएस मोबाइल प्लेटफॉर्म के लिए अपना मोबाइल बैंकिंग ऐप प्रदान करता है। मोबाइल बैंकिंग लेनदेन और पैसे के हस्तांतरण के लिए आईएमपीएस, एनईएफटी और आरटीजीएस जैसी डिजिटल भुगतान विधियां भी प्रदान करता है। भारत में मोबाइल उपकरणों की बढ़ती मांगों को ध्यान में रखते हुए, मोबाइल बैंकिंग इंटरनेट बैंकिंग की तुलना में उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक सुलभ और सुविधाजनक तरीका है।

डिजिटल भुगतान से लाभ:

कैशलेस होने और डिजिटल भुगतान का लाभ प्राप्त करने के कुछ कारण निचे दिए गए हैं:

1. बढ़ी हुई सुरक्षा

आज के युग में अत्याचार इतना प्रबल हो गया है कि हर समय अपने साथ नकदी ले जाना असुरक्षित-सा हो गया है। नतीजा यह होता है कि व्यक्ति अक्सर छोटी-मोटी चोरी या डकैती का शिकार हो जाते हैं। डिजिटल भुगतान के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक यह है कि वे नकद कैश लेनदेन की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित हैं क्योंकि उन्हें कम-से-कम सत्यापन और प्रमाणीकरण की आवश्यकता होती है। बैंक और अन्य डिजिटल भुगतान प्रणालियाँ ओटीपी और क्रॉस-वेरिफिकेशन कराकर डिजिटल लेन-देन के लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करती हैं, जिससे धोखाधड़ी वाले लेन-देन को रोका जा सकता है।

 

2. यह अधिक सुविधाजनक है

केवल कम रुपया निकासी के लिए लंबी एटीएम लाइनों में खड़ा होना, समय बर्बाद करने जैसा है और तो और उतना आसान भी नहीं है। आज के समय में खरीदारी के लिए हर बार लोगों को एटीएम की लाइन लगने जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है। डिजिटल भुगतान प्रणालियाँ सभी के लिए अधिक सुविधा प्रदान करती हैं, क्योंकि वे उन्हें नकदी से बाहर होने की चिंता किए बिना वित्तीय लेन-देन करने की अनुमति देती हैं।

3. त्वरित और आसान लेन-देन

डिजिटल भुगतान अत्यंत ही सरल और आसान है l  डिजिटल भुगतान के द्वारा अब शोरूम, मॉल और यहां तक कि छोटी-छोटी दुकानों पर भी क्यूआर कोड के द्वारा पेमेंट स्वीकार किए जाते हैं। खरीददार अब अपने मोबाइल बैंकिंग ऐप या अन्य डिजिटल वॉलेट का उपयोग करके खरीदारी कर सकते हैं l

4. विशेष ऑफर और छूट

बैंक और अन्य वित्तीय संगठन अक्सर अपने उपभोक्ताओं के द्वारा डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के ऑफ़र और छूट भी देते हैं। कोई भी व्यक्ति (जिनका बैंक खाता और UPI बना हुआ है) इन सौदों का लाभ उठा सकता है और डिजिटल लेन-देन के लिए नियमित कैशबैक, पुरस्कार और छूट वाउचर प्राप्त कर सकता है।

5. शारीरिक दूरी

डिजिटल भुगतान के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक यह है कि वे सुरक्षित और संपर्क रहित लेनदेन को बढ़ावा प्रदान करते हैं। कोविड -19 की स्थिति अभी भी हमारे बीच मौजूद है, इसलिए व्यक्तिगत संपर्क से बचना महत्वपूर्ण है। इस स्थिति के दौरान, बुजुर्ग व्यक्तियों को अधिक खतरे में माना जाता है। इसी कारण, कोविद -19 महामारी के दौरान सभी व्यक्ति को सुरक्षित रहने के लिए सबसे अच्छे तरीकों में से एक डिजिटल भुगतान प्रणाली का उपयोग करना है।

6. यात्रा की सुविधा

आज के समय में सभी व्यक्ति को एक शहर से दुसरे शहर यात्रा करना बहुत ही आसान हो गया है, क्योंकि पहले सभी व्यक्ति को शहर से बाहर यात्रा करते समय बड़ी मात्रा में नकदी ले जाना पड़ता था। देश भर के खुदरा विक्रेताओं डिजिटल भुगतान स्वीकार करना शुरू कर दिया है। इसी वजह से लोग एटीएम खोजने या नकदी खत्म होने की चिंता किए बिना आसानी से दूसरे भारतीय शहरों में आ-जा सकते हैं।

7. अपने ख़र्चों पर नज़र रखें

पहले के ज़माने में कैश के लेन-देन करने पर उसका बिल बनाना पड़ता था पर आज के समय किस चीज में कितना रुपया खर्च किया, सब कुछ एक क्लिक में आ जाता है l यह उन व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से आवश्यक है, जो अपनी पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति निधि पर निर्भर हैं। डिजिटल भुगतान उन्हें अपने समग्र खर्च का ट्रैक रखने की अनुमति भी देता है।

8. विभिन्न विकल्प

आज के युग में सभी व्यक्ति इतना स्वत्रंत हो गए है कि उन्हें कैश पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है l विभिन्न प्रकार के डिजिटल भुगतान विकल्पों को चुन सकते हैं, जिसमें डेबिट और क्रेडिट कार्ड के साथ-साथ Google Pay, Paytm और Phone Pe जैसे डिजिटल वॉलेट शामिल हैं।

9. बजट संगति

उन लोगों के लिए कैशलेस होना महत्वपूर्ण हो गया है जो अपनी खर्च करने की आदतों को सुधार नहीं पा रहे थे, जिन्हें रोज बिल बनाने जैसी झंझटों का सामना करना पड़ता था l अब वे विभिन्न ऐप का उपयोग करके अपने दैनिक लेनदेन के पैटर्न को ट्रैक और विश्लेषण कर सकते हैं। इससे उन्हें अपने खर्च को बेहतर ढंग से समझने और अपने बजट की बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी।

10. समय और पैसा दोनों बचाएँ

कैशलेस होने के सबसे महत्वपूर्ण फायदे यह है कि अब व्यक्तियों का काफी समय और धन की बचत करना आसान हो गया है। अधिक-से-अधिक भुगतान विकल्पों का चयन करके व्यक्ति तेजी से भुगतान कर सकते हैं। लेनदेन शुल्क लगाने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके भी पैसे बचा सकते हैं। इससे न केवल उन्हें पैसे बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि यह उनके कुल बजट के लिए भी अच्छा होगा।