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कोरोना वायरस क्या है?,लक्षण,उपाय,वेरिएंट (COVID-19)

कोरोना वायरस क्या है? (COVID-19)

कोरोनावायरस विषाणुओं के एक बड़े परिवार का हिस्सा है, जिनके कारण स्तनधारियों या पक्षियों में रोग पैदा करते हैl कोरोनावायरस की शुरुआत मध्य दिसम्बर 2019 में मध्य चीन के वुहान शहर के सीफूड और पोल्ट्री बाजार से हुई हैl वर्ष 2019 में कोरोना के नया वायरस आने के कारण इसका नाम CoVID-19 रखा गयाl यह एक RNA वायरस है, जो लोगों को संक्रमित करता हैl

इस वायरस के कारण सबसे पहले मानव शरीर का श्वसन (साँस लेने की समस्या) की समस्या उत्पन्न होती हैl वुहान शहर के सीफूड और पोल्ट्री बाज़ार में काम करने वाले, मछलियाँ बेचने वाले तथा जीवित पशुओं का व्यापार करने वाले अधिकतर लोगों में अचानक से बिना किसी कारण निमोनिया होने लगाl जाँच के बाद चीनी वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस के नए नस्ल की पहचान की, जिनका नाम 2019-nCoV रखा गयाl

सार्सकोरोनावायरस (नवम्बर 2002 और जुलाई 2003 के बीच दक्षिणी चीन में आरंभ हुआ, जिसके कारण विभिन्न देशों में 8273 संक्रमित एवं 775 लोगों की मृत्यु हो गयी थीl) की तरह इस वायरस में 70% जीनोम (इस विषाणु में एकल RNA युक्त जीनोम पाया जाता हैl कोरोनावायरस के जीनोम का आकार लगभग 27-34 किलोबेस तक होता हैl) अनुक्रम पाए गएl

20 जनवरी 2020 को चीनी प्रीमियर ली केकियांग ने नावेल कोरोनावायरस के कारण फैलने वाली निमोनिया महामारी को रोकने के लिए निर्णायक और प्रभावी प्रयास करने का अनुरोध कियाl 20 मार्च 2020 तक थाईलैंड, दक्षिण कोरिया, जापान, ताइवान, मकाऊ, हांगकांग, संयुक्त राज्य अमेरिका, सिंगापुर, वियतनाम, भारत, ईरान, इराक, इटली, क़तर, दुबई, कुबैत के अलावे अन्य 160 देशों में कोरोनावायरस के पुष्टि के मामले सामने आये हैl जिनमें कुल मामलों की पुष्टि 3,935,828+ हैl इसमें से 1,319,306+ ठीक हो चुके है और 274,655+ की मृत्यु हो चुके हैl

कोरोनावायरस के वेरिएंट

अब तक कोरोनावायरस के कई वेरिएंट हो गए है, जो हरेक देश अलग-अलग वेरिएंट के रूप में फ़ैल लोगों को संक्रमित कर रहे हैl विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इनका मुख्य रूप से दो तरह से क्लासिफिकेशन किया हैl इनमें पहला ‘वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न’ और दूसरा ‘वेरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट’ शामिल हैl पहला ‘वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न’ में अल्फ़ा, बीटा, गामा, डेल्टा और ओमीक्रॉन को शामिल किया गया हैl जबकि ‘वेरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट’ में लेम्डा और एमयू को रखा गया हैl

अल्फ़ा वेरिएंट को सबसे पहले ब्रिटेन (इंग्लैंड) में खोजा गया थाl इसी जगह से यह वेरिएंट पूरी दुनिया में फैला थाl इस वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.7 रखा गया हैl अमेरिका में भी इस वेरिएंट ने अच्छी-खासी तबाही मचाई थीl उस समय यह वेरिएंट अपने पुराने वेरिएंट की तुलना में 50 फीसदी से ज्यादा संक्रामक थाl अल्फ़ा वेरिएंट में वैज्ञानिकों के द्वारा 23 म्युटेशन देखा गया थाl

बीटा वेरिएंट को 2020 में सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में देखा गया थाl इस वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.351 रखा गयाl इस वेरिएंट के दो म्युटेशन है- E484K और N501Y. इन दोनों वेरिएंट को सबसे अधिक खतरनाक माना गया हैl यह वेरिएंट अपने पुराने वेरिएंट से 50 फ़ीसदी ज्यादा संक्रामक थाl वैज्ञानिकों का मानना है कि यह उनलोगों को संक्रमित कर सकता है जो कोरोनावायरस से उबर चूका हैं और जिन लोगों को Covid-19 का टीका लगाया जा चूका हैl

गामा वेरिएंट सबसे पहले ब्राजील में पाया गया थाl सीडीसी के अनुसार, यह वेरिएंट अमेरिका में 8.9 फीसदी नए संक्रमणों का कारण बना हैl इस वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम P.1 रखा गया हैl E484K और N501Y इस वेरिएंट के दो स्ट्रेन है, जो काफी खतरनाक हैl जाँच में पता चला है कि वैक्सीन लगवाने के बाद यह वेरिएंट मामूली रूप से ही असर करता हैl

डेल्टा वेरिएंट सबसे पहले भारत में अक्टूबर 2020 में मिलाl इस वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.617.2 रखा गयाl इस वेरिएंट को पुरे दुनिया में कोरोना का सबसे अधिक संक्रामक वेरिएंट माना गया हैl इसकी क्षमता को लेकर अभी तक कोई दावा नहीं किया गया है कि यह इन्सान की जान लेते है या नहींlयूएस सेंटर फॉर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार 3 जुलाई 2020 को इस वेरिएंट के अमेरिका में 51.7 फीसदी मामले आए थेl पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के अनुसार, जून के मध्य तक ब्रिटेन में कुल इस वेरिएंट की हिस्सेदारी 99 फ़ीसदी थीl WHO की रिपोर्ट के अनुसार 100 देशों में डेल्टा संस्करण का पता चला हैl

ओमीक्रॉन वेरिएंट का पता नवम्बर 2021 में लगभग हरेक देश में लगाl इस वेरिएंट का ओमीक्रॉन नाम 26 नवम्बर को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दिया गयाl इस वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 रखा गयाl कोरोना के इस वेरिएंट को सबसे ज्यादा इंफेक्शियस बताया गया हैl यह वेरिएंट वैक्सीन लगा चुके लोगों को भी संक्रमित किया हैl एम्स दिल्ली में Covid टास्क फ़ोर्स के चेयरपर्सन डॉ. नवीत विग के अनुसार, यह नया वेरिएंट ज्यादा ट्रांसमिसबल है, यानि यह अधिक तेजी से फैलता हैl यह मानव इम्युनिटी से लड़ने में ज्यादा कुशल हैl

लेम्डा वेरिएंट सबसे पहले पेरू में पाया गयाl 14 जून 2021 को इसका नामकरण किया गया थाl इसका नाम C.37 रखा गयाl

एमयू वेरिएंट सबसे पहले कोलंबिया में पाया गया थाl इसका नामकरण विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 30 अगस्त 2021 को किया गयाl इसका वैज्ञानिक नाम B.1.621 नाम दिया गयाl

एप्सिलॉन वेरिएंट पहली बार अमेरिका के कैलिफोर्निया में देखा गया थाl कोरोनावायरस के वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.427 रखा गयाl वेरिएंट B.1.429 को भी विश्व स्वास्थ्य संगठन एप्सिलॉन वेरिएंट का ही हिस्सा मानता हैl विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि एप्सिलॉन वेरिएंट (B.1.427 या B.1.429) ज्यादा खतरनाक नहीं हैl

योटा वेरिएंट को पहली बार न्यूयॉर्क में पहचाना गया थाl इस वेरिएंट को B.1.526 या Iota के नाम से जाना जाता हैl इस वेरिएंट का 484 स्ट्रेन वायरस को संक्रमित कोशिकाओं से अधिक आसानी से जुड़ने में मदद करता हैl

ईटा वैरियंट को पहली बार ब्रिटेन और नाइजीरिया में देखा गया था। ईटा वैरियंट का वैज्ञानिक नाम  B.1.525 से जाना जाता है। इसके स्ट्रेन का नाम E484K है। अब लगभग किसी भी संक्रमित व्यक्ति में कोरोना का यह स्ट्रेन नहीं मिल रहा है।

जीटा वैरियंट भी पहली बार ब्राजील में ही पाया गया था। इस वेरिएंट को P.2 के नाम से भी जाना जाता है। इस वैरियंट ने ब्राजील में बहुत तबाही मचाई थी। इसका E484K स्ट्रेन काफी घातक माना जाता है। हालांकि, विश्व स्तर पर यह स्ट्रेन अब नहीं मिल रहा है।

कोरोनावायरस के लक्षण

कोरोनावायरस से पीड़ितों के लक्षण, अनावरण होने के दो से चौदह दिनों के बाद दिखाई देते हैl कोविड के शुरूआती दौर में आँखे का लाल या गुलाबी होना, सुनने में परेशानी, जीभ पर जलन या कोविड टंग और पेट या आंत में परेशानी होना जैसे लक्षण होते हैl कोरोनावायरस से पीड़ित लोगों में बुखार, थकान, सुखी खांसी, नाक का बंद होना, बहती नाक, गले में खराश, सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई देते हैl कोविड के शुरूआती लक्षण में हल्का बुखार, सर दर्द, सर्दी, खांसी देखने को मिलते हैl

कोरोनावायरस के गंभीर लक्षण- सांस लेने में दिक्कत या सांस  फलना, ऑक्सीजन का कम होना, स्वाद न आना, सीने में दर्द होना, कमजोरी महसूस होनाl

कोविड के गंभीर कम्पलीकेशन में बाल झड़ने की समस्या, कमर और पैर दर्द, टयूबरकुलोसिस (टी ।बी), एवस्कुलर नेक्रोसिस, रेस्पाईरेटरी प्रॉब्लम, फ्लारेसीस और ब्लैक फंगस जैसी समस्या होती हैl

ओमीक्रॉन के लक्षण

ओमीक्रॉन के आम लक्षण निम्न तरह से दिखते हैl

दस्त. सिरदर्द, बदन दर्द, गले में खराश, ऑंखें लाल होना, त्वचा पर दाने या त्वचा का फटना, हाथ-पैरों की उंगलियों का रंग बदलनाl

ओमीक्रॉन के गंभीर लक्षण निम्न प्रकार से दिखते हैl

सांस लेने में तकलीफ होना, सांस उखड़ के आना, बोलने या चलने में दिक्कत होना, भ्रम होना या सीने में दर्द होनाl

कोरोनावायरस के फैलने के कारण

कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति के नजदीक जाने या उसके संपर्क में आने से यह वायरस फैलता हैl इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींक से आती बूंदों के गिरने के स्थान या वस्तु के साथ संपर्क करके, अपने आँखों या नाक या मुँह को छूने से यह वायरस बिना संक्रमित व्यक्ति शरीर में फैलकर उस व्यक्ति को भी संक्रमित कर देता हैl यह कोरोनावायरस अन्य वायरस के तुलना में शरीर के माध्यम से तेजी से फ़ैल सकता हैl यह वायरस गले और शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में आपकी नाक और मुँह में ज्यादा जाने की संभावना ज्यादा रहता हैl

यह वायरस बुजुर्ग लोग और हाई ब्लड प्रेशर, दिल की समस्याएँ और मधुमेह के रोगियों के अलावा पहले से किसी रोग से ग्रसित मरीज या इम्युनिटी कम होने वाले लोगों पर ज्यादा आसानी से अपने चपेट में ला सकता हैl

कोरोनावायरस रोकने के उपाय

अगर आप यात्रा कर रहे है और उसके दौरान कोई बीमार व्यक्ति नजर आए, जिसको जुकाम, खांसी, फीवर, नाक बहने जैसे  समस्या है तो ऐसे यात्रियों से दूरी बनाकर रखेंl यात्रा के दौरान आप मास्क का उपयोग करना चाहिएl यात्रियों से खाने-पीने की सामान शेयर नहीं करने चाहिएl कोरोना से बचने के लिए सबसे पहले हम सभी को सामाजिक दूरी रखना शक्त जरूरी हैl व्यक्तिगत स्वच्छता और शारीरिक दूरी भी बनाकर रखना जरूरी हैl किसी चीज को छूने से पहले साबुन से हाथ को धोना जरूरी हैl खांसते या छींकते वक्त मुँह पर रुमाल या टिशु पेपर अवश्य रखेंl उपयोग किए हुए टिशु पेपर को तुरंत बंद डिब्बे में फेंकेl समय-समय पर सभी को कोरोना टेस्ट करवाना बहुत ही जरूरी हैl लॉकडाउन का पालन करना चाहिएl अपने  इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए आपको पौष्टिक आहार एवं योग को अपने दिनचर्या में शामिल करना चाहिएl दिन में एक बार दूध या गुनगुने पानी के साथ हल्दी का सेवन करना चाहिएl