नमस्कार दोस्तों आजके इस आर्टिकल में Bhartiya Shiksha Aayog बारे में जानकारी दीया जाएगाl यह आर्टिकल यूपीएससी, पीसीएस और अन्य सभी कम्पटीशन एग्जाम का तैयारी करने वालें स्टूडेंट्स के लिए महत्वपूर्ण हैl
Bhartiya Shiksha Aayog
विभिन्न शिक्षा आयोग
लोक शिक्षा समिति— लॉर्ड मैकाले
प्रावधान— भारत के उच्च वर्ग के लिए अँगेजी माध्यम की शिक्षा की व्यवस्था की जाय, ताकि ये लोग इस शिक्षा को जनसाधारण तक पहुँचाये।
:— लॉर्ड आँकलैण्ड द्वारा प्रतिपादन यह योजना शिक्षा के अधोमुखी निस्वदन सिद्धान्त के नाम से जाना जाता है।
:— इस आयोग की सिफारिस को 1835 को लाया गया था।
बुड डिस्पैच— चालर्स वुड
:— उच्च शिक्षा का माध्यम अँगेजी ही हो, परन्तु देशी भाषाओं को भी प्रोत्साहित किया जाए।
:— गाँवों में देशी भाषा के विकास के लिए प्राथमिक पाठशालाएँ उनके लिए ऐंग्लों वर्नाक्युलर
हाईस्कूल और कॉलेज खोले जाएँ।
:— लन्दन विश्वविद्यालय के आधार पर कलकत्ता, बम्बई और मद्रास में तीन विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना बनाई जाय।
:— इस आयोग की सिफारिस को 1854 में लाया गया।
हण्टर आयोग— डब्ल्यू डब्ल्यू हण्टर
:— इन्होंने कहा शिक्षा के क्षेत्रों में निजी स्तर पर प्रोत्साहन मिलना चाहिए।
:— हाईस्कूल में प्रवेश परीक्षा के आधार पर व्यापारिक व व्यावसायिक शिक्षा की व्यवस्था की जाय।
:— इनका विचार था कि उच्च शिक्षा के संचालन पर से सरकार को हटना चाहिए।
:— इस आयोग की सिफारिस को 1882 में लाया गया था।
रैले आयोग— थॉमस रैले
:— अध्ययन तथा शोध को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय में योग्य प्राधानध्यापक एवं व्याख्याताओं की नियुक्ति हो।
:— विश्वविद्यालयों में उप—सदस्यों की संख्या 50 से कम तथा 100 से अधिक नहीं होना चाहिए। उनका कार्यकाल 6 वर्ष के लिए हो।
:— सरकार को सीनेट द्वारा प्रस्तावित विषयों पर निषेध लगाने, प्रस्ताव में संशोधन एवं परिवर्तन करने तथा नए नियम बनाने का भी अधिकार दिया जाए।
:— इस आयोग की सिफारिस को 1902 में लाया गया था।
सेंडलर विश्वविद्यालय आयोग— डॉ माइकल सेंडलर
:— इस आयोग में कलकत्ता विश्वविद्यालय को भारत सरकार के नियंत्रण से लेकर बंगाल सरकार के अधीन रखने को कहा गया था।
:— हाईस्कूल तक अधिकांश विषयों का माध्यम भारतीय भाषा होना चाहिये। परीक्षा की व्यवस्था में भी संशोधन किया जाना चाहिए इस आयोग का विचार था।
:— विश्वविद्यालय पर से सरकार का नियंत्रण कम किया जाना चाहिये
:— इन्टरमीडिएट शिक्षा के संचालन के लिए एक माध्यमिक बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए।
:— इस आयोग को 1917 में लाया गया था।
हार्टेग आयोग— फिलिप हार्टेग
:— इस आयोग की सिफारिस थी कि प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था में सुधार किय जाना चाहिए।
:— ग्रामीण क्षेत्रों में मिडिल स्कूल तक ही शिक्षा का प्रावधान किया जाना चाहिए। बाद में उन्हें औद्योगिक एवं व्यवसायिक शिक्षा दी जाय। कॉलेजों में प्रवेश प्रतिबंधित हो।
:— विश्वविद्यालय को सुधारा जाए तथा उच्च शिक्षा प्राप्त करने योग्य विद्यार्थियों को उत्तम शिक्षा दी जाये।
:— इस आयोग को 1929 में लाया गया था।
वर्धा योजना — महात्मा गाँधी
:— इस आयोग में 7 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था का प्रावधान था
:— शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होनी चाहिए, जिससे विद्यार्थी स्वावलम्बी बन सकें।
:— विद्यार्थी को उनके रूचि के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा दी जाये।
:— इस आयोग को 1937 में लाया गया था।
सार्जेण्ट आयोग— सर जॉन सार्जेण्ट
:— देश में प्रारम्भिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की जाये।
:— 6 से 11 वर्ष की बालक—बालिकाओं के लिए व्यापक, एवं नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए आयोग में प्रावधान था।
:— 11 से 17 वर्ष की आयु तक के लिए 6 वर्षों की शिक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए।
:— इण्टरमीडिएट तक की पढ़ाई हाईस्कूलों में होनी चाहिए और स्नातक स्तर पर तीन वर्षों का पाठ्यक्रम हो।
:— इस आयोग को 1944 को लाया गया था।
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इसे भी देखें:-
History Study Material for UPSC Indian & World History
UPSC Mains Optional Agriculture Paper 1 & 2 Syllabus PDF P-9